उत्तराखण्डः (Bureau Chief-TWV), 8 मई : कोरोना कोविड-19 संक्रमण वैश्विक महामारी के कारण लाॅकडाउन के तीसरे चरण के दौरान लॉकडाउन लागू से धर्म नगरी हरिद्वार में अस्थि विसर्जन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई थी। वही जिसमें इस लॉकडाउन 3.0 में हरिद्वार में पिछले करीब 45 दिनों से अस्थि विसर्जन पर लगी रोक हटाने के लिए हरिद्वार के तीर्थ पुरोहितों का दबाव आखिरकार काम आ ही गया।
वही जिसमें आपको बता दे कि राजधानी में सीएम त्रिवेद्र सिंह रावत ने 7 मई को गुरुवार को प्रदेश सरकार ने कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पारित कर यह रोक हटा दी है। जिसमें अब 8 मई से दो व्यक्ति हरिद्वार आकर अपने दिवंगत परिजन की अस्थियों का विसर्जन कर सकते हैं। वही जिसमें अन्य राज्यों के लोग अनुमति लेकर हरिद्वार में गंगा में अस्थियां प्रवाहित करने को तो आ रहे हैं। वही लेकिन उन्हें कई जिलो की सीमाओं से ही वापस लौटाया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक जबकि कई दिनें से हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित सरकार से लगातार अस्थि विसर्जन पर लगी रोक हटाने की मांग कर रहे थे।
आपको बता दे कि धर्मनगरी में लाखों श्रद्धालु हरिद्वार आकर बड़े ही उत्साह के साथ गंगा में स्नान कर पूण्य की कामना करते हैं। लेकिन कोरोना कोविड-19 संक्रमण में लॉक डॉउन के चलते हर की पैड़ी पर प्रशासन ने पूर्ण रूप से लगाई रोक लेकिन श्रद्धालु अन्य घाटों पर स्नान और पूजा पाठ कर रहे हैं। वही जिसमें पीछले 45 दिनों से हरकी पैड़ी पर बंद चल रहा अस्थि विसर्जन कार्य सरकार के आदेश के बाद इस 8 मई शुक्रवार से शुरू हो गया। तीर्थ पुरोहित समाज की मांग के बाद गुरुवार को प्रदेश सरकार ने कैबिनेट के फैसले के दौरान हरिद्वार में अस्थि विसर्जन करने की अनुमति दी थी। इसके बाद शुक्रवार सुबह से ही पुरोहित अस्थि प्रवाह घाटों और अपनी गद्दियों पर पहुंचने शुरू हो गए।
वही 22 मार्च 2020 से शुरू हुए लॉकडाउन के दौरान हरिद्वार जिले में गंगा घाटों पर सामूहिक स्थान पर भी रोक लगा दी गई थी। साथ ही मंदिरों में भी ताले लगा दिए गए थे। सिर्फ हरिद्वार के श्मशान घाटों पर अंतिम संस्कार को ही छूट दी गई थी। वही जिसमें हरिद्वार के सतीकुण्ड पर कर्मकांड कराने वाले तीर्थ पुरोहित पंडित आदित्य शर्मा ने बताया कि सूचना के अभाव में 8 मई 2020 शुक्रवार दोपहर तक सिर्फ 2 यात्री ही पहुंच पाए थे। उम्मीद है कि अगले दिन शनिवार से लोग अस्थियां लेकर आने की सम्भावना है। इस दौरान हरिद्वार के पुरोहित समाज की ओर से महासभा के राष्ट्रीय वरिष्ठ महामंत्री श्रीकान्त वशिष्ठ और उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिखौला का कहना है कि सरकार ने महामारी के समय वर्तमान के स्वास्थ नियमों के आधार पर अन्य राज्यों से अनुमति ले कर आ रहे दो लोगों को हरकी पैड़ी पर अस्थि विसर्जन करने की अनुमति दी है।
हरिद्वार महासभा ने सरकार का आभार जताया है। वही इस 22 मार्च जनता कफ्र्यू लाॅकडाउन से प्रदेश के हजारों लोग हो रहे थे प्रभावित। जिस कारण अस्थि विसर्जन कार्य बंद होने से कर्मकांड से जुड़े हजारों लोग सीधे प्रभावित हो रहे थे। यजमान न आने के कारण इन लोगों के आगे रोजी.-रोटी का संकट खड़ा हो गया था। वही जिसमंे उत्तराखण्ड सरकार की गाइडलाईन के अनुसार चार घंटे की अनुमति के दौरान यात्री शहर या बाजार में जा नहीं सकेंगे। कर्मकांड कराने के तुरंत बाद उन्हें लौटना होगा। इसी शर्त के साथ कर्मकांड के लिए आने की अनुमति दी जा रही है। वही हरिद्वार के पण्डो, पुरोहितो का कहना है कि अस्थि विसर्जन कार्य शुरू होने के पहले दिन घाटों पर श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम रही। लाॅकडाउन-3 के दौरान इस 9 मई 2020 शनिवार से यह संख्या बढ़ने की उम्मीद है।