उत्तराखण्डः (Bureau Chief-TWV), 8 मई : कोरोना कोविड-19 संक्रमण वैश्विक महामारी के कारण 22 मार्च से जनता का स्वंम का कफ्र्यू लगा था। इसके बाद 25 मार्च को पीएम मोदी के ऐलान के बाद पूरे देश में सख्ती से लाॅकडाउन लग गया। जिसमें इस लाॅकडाउन को 45 दिनों के बाद केद्रीय सरकार के निर्देाशानुसार राज्य सरकार ने अपनी गाइडलाईन लाॅकडाउन-3 में जारी की गई। जिसमें सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी में उत्तराखण्ड की राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन के कारण सरकारी स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। जिसमें कुछ स्कूलों और प्रधानाचार्यों ने सीईओ, देहरादून आशा रानी पैन्यूली से इसको लेकर मार्गदर्शन मांगा था।
वही जिसमें इस दौरान 8 मई शुक्रवार को सीईओ ने चकराता, कालसी, विकासनगर, सहसपुर, डोईवाला और रायपुर के खंड शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए। वही जिसमें मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) ने देहरादून में सरकारी स्कूलों में एडमिशन प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने शिक्षकों से इसके लिए अभिभावकों और जनप्रतिनिधियों से सहयोग लेने को कहा। कोई संदिग्ध मामला सामने आता है तो उसे औपबंधिक (कंडीशनल) प्रवेश दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि खंड शिक्षा अधिकारी अपने ब्लॉक के राजकीय इंटर कॉलेज, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय और प्राथमिक स्कूलों के प्रधानाचार्यों को व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के लिए प्रेरित करें। इनमें पीटीए अध्यक्ष, भोजन माता, ग्राम प्रधान, स्कूल मैनेजमेंट कमेटी, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अभिभावकों को शामिल किया जाए। सभी प्रधानाचार्य और प्रधानाध्यापक आपसी तालमेल से एडमिशन प्रक्रिया शुरू करें। वही जिसमें इस दौरान स्कूल खुलने के बाद दस्तावेजों की जांच से संतुष्ट होने पर उसे पूर्णत: प्रवेश दिया जाएगा।