उत्तराखण्डः राजधानी में 20 दिसंबर शुक्रवार को रिसर्च इंस्टीट्यूट देहरादून (FRI) में एक दिवसीय वुड बेस इंडस्ट्री पर सेमिनार आयोजित। इस अवसर पर देहरादून फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर एएस रावत ने कहा कि कहा कि लकड़ी आधारित इंंडस्ट्री के लिए आने वाला समय खासा चुनौतियों वाला है। इसके लिए हमें आज से ही तैयारी करनी होगी। हम इस चुनौती से निपटने में सक्षम है। बस हमें इसके बारे में जागरूक होना होगा। हमारे पास बेहतर तकनीक है, मेहनती उद्योगपति है, जिससे हम हर तरह की चुनौती से पार पा सकते हैं।
वही जिसमें इस अवसर पर शुक्रवार को फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट में वुड बेस इंडस्ट्री के एक दिन के सेमिएनार के उद्धाटन सत्र में बोल रहे थे। वही जिसमें इस सेमिनार का आयोजन वुड टैक्नोलोजिस्ट एसोसिएशन और FRI ने किया था। इसमें 14 राज्योंं से प्लाइवुड उद्योगपति, मशीनरी निर्माता, व्यापारियों व विशेषज्ञों ने भाग लिया। कार्यक्रम का करते हुए शुभारंभ इंडियन काउंसिल आॅफ फॉरेस्ट रिसर्च एंड एजूककेशन केंद्रीय वन मंत्रालय भारत के डायरेक्टर जनरल एके गलौरा ने कहा कि FRI प्लाइवुड उद्योगपतियों और शोधार्थियों को एक मंच प्रदान करता है। जहां वैज्ञानिक लगातार रिसर्च कर ऐसी तकनीक विकसित कर रहे हैं, जिससे उद्योगपति को अपने काम में असानी हो और वह अंतरराष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता का उत्पादक तैयार कर सके। वही जिसमें इस अवसर पर
वही जिसमें इस सेमिनार में एफआरआई में किए जा रहे शोध की जानकारी दी गयी। इस तरह की रिसर्च से प्लाइवुड उद्योग को खास लाभ मिलेगा। संस्थान के वैज्ञानिकों ने आए हुए प्रतिनिधियों को यह यकीन दिलाया कि वह हर स्तर पर उनके साथ है। उन्हें बेहतर व आधुनिक तकनीक उपलब्ध कराने की दिशा में निरंतर काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कम लागत से कैसे बेहतर गुणवत्ता का उत्पादक तैयार किया जा सकता है, इस दिशा में लगातार काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि संस्थान में जो भी तकनीक इजाद की है, इसे उद्योगपतियों तक पहुंचाने के लिए वह लगातार काम कर रहे हैं। प्रतिभागियों को आमंत्रित किया कि वह इस तकनीक की जानकारी लें, यदि उन्हें लगता है कि इसकी उन्हें जरूरत है तो उन्हें यह तकनीक उपलब्ध करायी जाएगी।
इस मौके पर वुड टैक्नोलोजिस्ट एसोसिएशन के प्रेजिडेंट एससी जोली ने कहा कि ऐसे सेमिनार उद्योगतियों और वैज्ञानिकों को एक मंच पर लाते हैं। यहां वैज्ञानिक यह समझते हैं कि उद्योगतियों की दिक्कत क्या है, वैज्ञानिक इसे दूर करने की दिशा में क्या कर सकते हैं। वहीं उद्योगपतियों को अाधुनिक तकनीक और रिसर्च की जानकारी मिलती है। इस मौके पर प्लाइवुड एसोसिएशन की ओर से देवेंद्र चावला और जेके बिहानी ने उद्योग की समस्याओं पर प्रकाश डाला।